बुधवार, 23 नवंबर 2016

दो देश दो निर्णय - लोकतंत्र की जीत






आज का दिन बहुत अहम् दिन है | खास कर विश्व के दो लोकतान्त्रिक देशों के लिए | जी हाँ ! विश्व के दो सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश | जहाँ अलग – अलग दो निर्णय हुए | एक जगह निर्णय जनता ने लिया और उस पर सरकार बनी | दूसरे देश में सरकार ने निर्णय लिया जिसे जनता का पूर्ण समर्थन प्राप्त हुआ | दोनों ही जगह जीत लोकतंत्र की हुई | मैं बात कर रही हूँ भारत व् अमेरिका की |
एक दूसरे से बहुत दूर बसे दोनों देशों में आज बहुत उथल – पुथल का दिन रहा | आम हो ख़ास सब राजनैतिक चर्चाओं में व्यस्त रहे | चर्चा का केंद्र रहीं दो प्रमुख घटनाएं … पहली हमारे देश भारत में 500 व् 1000 के नोटों का बंद होना व् दूसरी अमेरिका में ट्रम्प की विजय | जहाँ हमारे देश में आम लोगों ने काले धन को समाप्त करने के लिए इन नोटों के बंद होने का स्वागत किया है वहीँ उन्होंने इस प्रक्रिया में होने वाली अपनी परेशानियों को सहर्ष स्वीकार किया है | ख़ुशी की बात ये है की रेहड़ी वाले , सब्जी वाले , छोटे दुकानदार जिनके यहाँ आज कोई खरीदार नहीं था वो भी सरकार के इस फैसले में उसके साथ हैं | एक सब्जी वाले से इस बाबत पूंछने पर उसने कहा , ” गरीबों का तो वैसे भी कभी न कभी फांका हो जता है | तब कौन पूंछता हैं | अगर इससे काले धन पर रोक लगती है ,
तो ये नुक्सान भी सही | आगे तो महंगाई घटेगी , आतंकवाद पर लगाम लगेगी तो गरीबों का भी फायदा होगा | कहते हुए उसकी आँखों में देश भक्ति या देश के लिए कुछ कर पाने का जो जज्बा था वो मुझे भीतर तक भिगो गया | सरकार से हमारे कई बातों पर विरोध हो सकते हैं पर जहाँ देश के सम्मान व् स्वाभिमान की बात आती है तो आम भारतीय नागरिक एक जुट व् जागरूक होना हर्ष का विषय है |हर भारतीय को काला धन विरोधी मुमिः में पहला कदम बढाने के लिए शुभकामनाएं
वहीँ दूसरी तरफ अमेरिका में ट्रम्प का चुनाव जीतना कहीं न कहीं आम अमेरिकी के मन में अपने देश के उस स्वाभिमान को वापस पाने की दिशा में बढ़ाया गया कदम है जो आतंवाद के नुकीले नाखूनों से बार – बार क्षत – विक्षत हो रहा है | मीडिया द्वारा ट्रम्प की बानायी गयी नकारात्मक छवि व्के स्वयं ट्रम्प के समय असमय पर स्त्री विरोधी व् विवादित बयानों के बावजूद अगर आम मतदाता ट्रम्प अमेरिका को अमेरिका की बागडोर सौंप रहा है , तो इसका सीधा सादा अर्थ है की वो आतंकवाद के विरुद्ध निर्णायक लड़ाई चाहता है , चीन के बढ़ते वर्चस्व को तोडना चाहता है , रोजगार व् अन्य सुविधाए पाकर अपने देश पर गर्व करना चाहता है | वैसे ही कहीं न कहीं यह ये भी सिद्ध करता है की लोकतान्त्रिक देशों की जनता इतनी समझदार हो चुकी है की मीडिया के प्रचार व्ट्र दुष्प्रचार का उस पर कोई असर नहीं पड़ता | लोकतंत्र के लिए यह बहुत शुभ संकेत है | ट्रम्प से जनता को बहुत उम्मीदें हैं और उन उम्मीदों पर खरा उतरना ट्रम्प का कर्तव्य | ट्रम्प को जीत की शुभकामनायें
वंदना बाजपेयी

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