रविवार, 4 जून 2017

फैसला








प्रिया के भाई की शादी थी उसने बड़े मन से तैयारी की थी एक - एक कपडा मैचिंग ज्वेलरी खरीदने के लिए उसने घंटों कड़ी धुप भरे दिन बाज़ार में बिताये थे पर सबसे ज्यादा उत्साहित थी वो उस लहंगे के लिए जो उसने अपनी ६ साल की बेटी पिंकी  के लिए खरीदा था मेजेंटा कलर का जिसमें उतनी ही करीने हुआ जरी का काम व् टाँके गए मोती मानिक उसी से मैचिंग चूड़ियाँ हेयर क्लिप व् गले व् कान के जेवर यहाँ तक की मैचिंग सैंडिल भी खरीद कर लायी थी | वो चाहती थी की मामा की शादी में उसकी पारी सबसे अलग लगे | जिसने भी वो लहंगा देखा | तारीफों के पुल बाँध देता तो  प्रिया की ख़ुशी कई गुना बढ़ जाती | शादी का दिन भी आया | निक्रौसी से एक घंटा पहले पिंकी लहंगा पहनते कर तैयार हो गयी | लहंगा पहनते ही पिंकी ने शिकायत की माँ ये तो बहुत भरी है , चुभ रहा है | प्रिय ने उसकी बात काटते हुए कहा ,” चुप पगली कितनी प्यारी लग रही है , नज़र न लग जाए | उपस्तिथित सभी रिश्तेदार भी कहने लगे ,” वाह पिंकी तुम तो पारी लग रही हो |एक क्षण के लिए तो पिंकी खुश हुई | फिर अगले ही क्षण बोलने लगी , माँ लहंगा बहुत चुभ रहा है भारी है |