मृत व्यक्ति को किसी जीवित व्यक्ति से अधिक फूल मिलते हैं क्योंकि खेद व्यक्त करना आभार व्यक्त करने से ज्यादा आसान है - ऐनी फ्रैंक
वो मेरा स्टूडेंट था | तकरीबन १० साल बाद मुझसे मिलने आया था | अभी क्या करते हो ? पूंछने पर उसने सर झुका लिया , केवल चाय की चुस्कियों की गहरी आवाजे आती रहीं | मुझे अहसास हुआ की मैंने कुछ गलत पूँछ लिया है | माहौल को हल्का करने के लिए मैं किसी काम के बहाने उठ कर जाने को हुई तभी उसने चुप्पी तोड़ते हुए कहा , " एक दूकान में काम करता हूँ , बस गुज़ारा हो जाता है | " फिर सर झुकाए झुकाए ही बोला ,"मुझे खेद हैं | काश ! मैंने समय पर आप की सलाह मान ली होती तो आज मेरी तकदीर कुछ और होती | " कोई बात नहीं |जहाँ हो अब आगे बढ़ने का प्रयास करो | हालांकि जब तुम मुझसे मिलने आये थे तो मुझे आशा थी की तुम मेरी सालाह के लिए आभार व्यक्त करने आये हो |"मेरे सपाट उत्तर के बाद पसरा मौन उसके जाने के बाद भी मेरे मन में पसरा रहा |
वो मेरा ब्रिलियेंट स्टूडेंट था | पर जैसे - जैसे क्लासेज आगे बढ़ी वो पढ़ाई से जी चुराने लगा | मैंने कई बार उसे समझाने का प्रयास किया की मेहनत ही सफलता का मूलमंत्र है | पर वो मेहनत से जी चुराता रहा | स्कूल बदलने के बाद मेरा उससे संपर्क नहीं रहा | आज आया भी तो खेद व्यक्त करने के लिए |जीवन की कितनी बड़ी विडंबना है की हम सही समय पर सही काम नहीं करते और खेद व्यक्त करने के लिए बहुत कुछ बचा कर रखते हैं | न सिर्फ कैरियर के मामले में बल्कि आपसी रिश्तों में , लोक व्यवहार में | कितने लोग अपने बीमार रिश्तेदारों से आँख बचाते रहते हैं और समय निकल जाने पर खेद व्यक्त करते हुए कहते हैं की ," आप ने तो हमें बताया ही नहीं |" सड़क पर गरीब ठण्ड से मर रहा है , हममे से कितने उसे अपने घर के एक्स्ट्रा कम्बल दे देते हैं , अलबत्ता उसके मरने के बाद शोक अवश्य करते हैं की काश हमने तब उसे कम्बल दे दिया होता | बेहतर होता की हम उसे पहले कम्बल दे देते और ईश्वर का आभार व्यक्त करते की उसने हमें इस लायक बनाया है की हम किसी की मदद कर सकें |
आभार् व्यक्त करना मेहनत मांगता है | आभार व्यक्त करना समय पर तीमारदारी मांगता है , आभार व्यक्त करना अपने अहंकार को कम करना मांगता है ... खेद व्यक्त करना आसान राह है पर यह एक ऐसी राह है जिसकी कोई मंजिल नहीं है | तमाम सुडा , कुडा और वुडा हमें जहाँ हैं वहीँ पर रोक कर रखते हैं |
मंजिल सदा सही समय पर सही काम करने वालों को मिलती है |
वंदना बाजपेयी
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