अपनी अंत : प्रेरणा से निर्णय लें | तब आप की गलतियाँ आपकी अपनी होंगीं , न की किसी और की - बिली विल्डर
जीवन अनिश्चिताओं से भरा पड़ा है | ऐसे में हर कदम - कदम हमें निर्णय लेने पड़ते हैं | कुछ निर्णय इतने मामूली होते हैं की उन का हमारी आने वाली जिंदगी पर कोई असर नहीं पड़ता | पर कुछ निर्णय बड़े होते हैं | जो हमारे आने वाले समय को प्रभावित करते हैं | ऐसे समय में हमारे पास दो ही विकल्प होते हैं | या तो हम अपनी अंत : प्रेरणा की सुने | या दूसरों की राय का अनुसरण करें | जब हम दूसरों की राय का अनुकरण करते हैं तब हम कहीं न कहीं यह मान कर चलते हैं की दूसरा हमसे ज्यादा जानता है | इसी कारण अपनी " गट फीलिंग " को नज़र अंदाज़ कर देते हैं | वो निर्णय जिनके परिणाम भविष्य के गर्त में छुपे हुए हैं | उनके बारे में कौन कह सकता है की क्या सही सिद्ध होगा क्या गलत | कौन कह सकता है की आज हम जिस बच्चे के कैरियर के लिए सलाह ले या दे रहे हैं उस पर आगे चल कर उसे सफलता मिलेगी ही
, या जिस रिश्ते को बनाए रखने की सलाह दे रहे हैं वो आगे चल कर बेहतर साबित होगा या आत्मघाती कदम साबित होगा , कोई नहीं जानता एक नौकरी या व्यवसाय को छोड़कर जब दूसरे में जा रहे हैं वो भविष्य में फलदायी साबित होगा या नहीं | अनिश्चितताओं से भरे जीवन में कोई भी निर्णय फलदायी होगा या नहीं न हमारा न किसी और का सुझाया हुआ, ये पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता | गलतियों की सम्भावना दोनों में है | हम केवल आज वो निर्णय ले सकते हैं जो हमें आज सही लग रहे हैं , चाहे वो हमारे द्वारा सुझाये हुए हों या दूसरे के द्वारा परन्तु जरूरी नहीं है इससे वही परिणाम आये जो हम चाहते हैं | ऐसे में बेहतर है हम वो निर्णय लें जो हमारी अंत : प्रेरणा कह रही है | अगर भविष्य में वो गलत भी साबित हुआ तो भी हम दूसरों पर आरोप मढ कर उनकी आलोचना करने से बच जायेंगे | बेवजह आलोचना कर के नकारात्मकता फैलाने के स्थान पर हम कोई अन्य निर्णय ले कर आगे बढ़ने की का प्रयास करेंगे | हम अपने जीवन के उतार - चढाव का बेहतर तरीके से तभी संचालन कर सकेंगे जब हम अपनी जिंदगी की गाडी के ड्राइवर की सीट पर बैठे हो | अलबत्ता अपने निर्णय पर कायम रहने के लिए जरूरी है की हममें स्टेयरिंग पकड़ने की हिम्मत हो |
वंदना बाजपेयी
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