दादी :( बालकनी में प्रवेश करते हुए) हे ! शिव शिव शिव (खुद से बड़बड़ाते हुए ),हा सूर्य देव ,बड़ी किरपा कीं हो ,बड़ी नीक घाम निकली है।
सोमवार, 28 सितंबर 2015
रिया स्पीक्स: "सीखने की उम्र "
दादी :( बालकनी में प्रवेश करते हुए) हे ! शिव शिव शिव (खुद से बड़बड़ाते हुए ),हा सूर्य देव ,बड़ी किरपा कीं हो ,बड़ी नीक घाम निकली है।
शनिवार, 26 सितंबर 2015
दर्द
सुमि अकेले ही रहती है । पति को तीन साल के लिए दुबई में नौकरी मिल गयी है । सुमि की नौकरी यहाँ है ... अतः वह पति के साथ जा नहीं सकी । बच्चे हॉस्टल में पढ़ते हैं ।
अकेलापन जैसे काटने को दौड़ता । मन उदासी का शिकार हो गया था । शोर बिलकुल अच्छा नहीं लगता था । ऊपर से सामने बनने वाले मकान का शोर........... तौबा - तौबा । मकान का शोर तो वह बर्दाश्त भी कर लेती पर सबसे ज्यादा उसे खटकती थी एक मजदूर स्त्री की आवाज । उसकी बहुत जोर कनकनाती सी आवाज थी ।
शायद उसका नाम सुभागी था ... अकेली वही बनते हुए मकान में रहती थी । काला रंग, बेतरतीब बाल,
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