रविवार, 8 जनवरी 2017

दुखद है मिस्टर परफेक्ट का इम्पेर्फेक्ट स्टेटमेंट






आज सोशल मीडिया पर ट्विटर युद्ध छिडा हुआ है | हर कोई अपने -अपने तर्क प्रस्तुत कर रहा है |इसकी शुरुआत आमिर खान के एक विवादास्पद वक्तव्य से हुई | जिसमें आमिर खान ने अपनी पत्नी किरण राव का हवाला देते हुए कहा कि देश में बढती हुई असहिष्णुता से उनकी पत्नी इस कदर भयभीत हैं की उन्होंने अपने परिवार की सुरक्षा की खातिर आमिर से ये प्रश्न कर डाला ” कि क्या उन्हें किसी और देश में रहना चाहिए |
आम जनता ने सहिष्णुता /असहिष्णुता के कलेवर में छिपे राजनैतिक रंग को पहचानते हुए देश में पिछले कई दिनों से साहित्यकारों द्वरा सम्मान लौटाए जाने की घटना को तवज्जो नहीं दी तो फिल्म स्टार भी इसमें कूद पड़े | सबसे पहले शाहरुख़ खान आये , और अपनी भूमिका अदा कर दिलवाले की शूटिंग में व्यस्त हो गए | उसी राजनैतिक श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए आमिर खान ने मोर्चा संभाला और अपनी आदत के
अनुसार विवाद को थोडा परफेक्ट रूप देने के लिए बेहद इम्परफेक्ट स्टेटमेंट दे दिया |क़यामत से क़यामत तक ” में नायक की भूमिका निभा कर अभिनय की दुनिया में प्रवेश करने वाले आमिर खान को उनकी पहली ही फिल्म के बाद ही जनता ने सर आँखों पर बिठा लिया | आमिर भी एक -के बाद एक सफल फिल्में देते गए | धीरे -धीरे उनकी छवि एक परफेक्ट फिल्म मेकर , एक्टर , डायरेक्टर की बन गयी और वो मिस्टर परफेक्ट के नाम से जाने , जाने लगे | सत्यमेव जयते को देखकर भावनाओं से द्रवित जन -मन कहीं न कहीं उनमें अपना रीयल हीरो देखने लगा जो उनकी दर्द को समझता है व् उसे दूर करने का प्रयास भी करता है | आमिर खान ने ऐसा स्टेटमेंट देते हुए यह भी नहीं सोचा जिस देश की जनता ने उन्हें इतना प्यार और सम्मान दिया है वो उनके इस वक्तव्य से कितनी आहत हुई है | आम जनता के मन में ये सवाल जरूर उठा है की आमिर जैसा व्यक्ति जो सत्यमेव जयते में समस्याओं को उठा कर हल खोजता है वही व्यक्ति इस देश को छोड़ने की बात भी कर सकता है | अगर कहीं विचार आपस में टकरा रहे हैं तो उन्हें बातचीत के माध्यम से सुलझाया जा सकता है | अगर उन्हें वाकई में समस्या दिख रही है तो भी देश छोड़ने की बात करना कायरता है | कई देश ऐसे भी हैं जहाँ कोई अपनी बात भी नहीं कह सकता |वहां के नागरिक भी देश छोड़ कर नहीं भाग खड़े होते |
जनता इसलिए भी आहत हुई हैं की आमिर खान ने अपनी बात सीधे -सीधे न कहकर इसके लिए अपनी पत्नी के नाम का सहारा लिया | ये बात वो सीधे -सीधे भी कह सकते थे | पर उन्होंने सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे की कहावत को चरित्रार्थ करते हुए पत्नी के नाम का सहारा लिया , ताकि अगर वह अपने वक्तव्य पर उग्र प्रतिक्रिया देखे तो कह दे की उनकी पत्नी एक माँ होने के नाते डर गयी | स्त्रिया बहुधा परिवार की सुरक्षा को लेकर डर जाती हैं | पर सोचने की बात ये है की किरण राव कोई आम घरेलु महिला नहीं हैं जो अपना डर पति के कान में कहें | वह एक सशक्त महिला हैं , वो अपनी बात खुद कह सकती हैं |किरण राव ने यह भी नहीं बताया की वो किस देश में रहना पसंद करेंगी | यानी कौन सा देश उन्हें सुरक्षित लगता है |
आमिर खान ने जो भी सोच कर यह वक्तव्य दिया हो पर उनको मिस्टर परफेक्ट के रूप में सर आँखों पर बैठने वाली व् उनकी फिल्म पी के को बड़ी ही सहिष्णुता के साथ स्वीकार कर उनके लिए लाखों रूपये उनकी बैंक में भरने वाली जनता आहत जरूर है | ये हमारा देश है | यहाँ की गंगा -जमुनी संस्कृति हमारी पहचान हैं | जिसमें प्रेम की धारा सदा प्रवाहित होती रहती हैं | देश छोड़ने की बात उस संस्कृति पर प्रश्न चिन्ह नहीं लगा सकती | हां यह बात आमिर खान के व्यक्तित्व पर प्रश्न चिन्ह जरूर लगाती है |

वंदना बाजपेयी 

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